मेरा और अश्क का रिश्ता कुछ ज़्यादा ही अजीब है आजतक मुझे और उसे पता ही नहीं कि हमारा रिश्ता क्या है?
कई बार तो लगता है अश्क को भी नही कोई जानकारी होगी नही इसके बारे में
क्योंकि जब मैं दुख में होता हूँ तो कोई अश्क नहीं आते मुझे अक्सर दूसरों के दुख में बहने लगते हैं ये पता नहीं क्या कहने लगते हैं ये।
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